उमरिया. अशोकनगर से पैदल चलकर आने वाले मजदूरों का सिलसिला अभी भी जारी है। बुधवार को अशोकनगर से करीब ४०० किलोमीटर पैदल चलकर ४० मजदूर उमरिया पहुंचे।
लॉकडाउन में कोई साधन नहीं मिला, दस दिन चले पैदल
शहडोल जिले के इन मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में उन्हें कोई साधन नहीं मिला, इसके कारण वे पिछले १० दिनों से पैदल चलते हुए उमरिया तक आ गए।
काम से हटा दिया गया था
मिली जानकारी के अनुसार उमरिया जिले के भरौला गांव में उन्होंने एक पेड़ के नीचे आश्रय लिया और उम्मीद करने लगे कि शायद उन्हें यहां कोई मदद मिलेगी। इनमें से कुछ मजदूर बीना से भी यहां पहुंचे हैं। इन मजदूरों के साथ आए श्यामलाल ने बताया कि अशोकनगर और बीना में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे, लेकिन जब लॉकडाउन हो गया तो उन्हें काम से हटा दिया गया।
कोई आसरा नहीं बचने के कारण घर वापस लौटने का फैसला किया
मजदूरों ने बताया कि किसी भी तरह का कोई आसरा नहीं बचने के कारण उन्होंने घर वापस लौटने का फैसला किया। किसी ने नहीं रोका, न जांच की इन मजदूरों की रास्ते में कहीं किसी ने कोई जांच भी नहीं की और न रोका।
मजदूरों ने बताया कि रास्ते में उन्हें कुछ स्थानों पर भोजन जरूर मिल गया, उमरिया में इन मजदूरों के आने की जानकारी लगते ही कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने डॉक्टरों की टीम को भरौला रवाना कर दिया और सभी मजदूरों की जांच कराई। साथ ही उनके भोजन व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।