कोरोना संक्रमण के आधार पर 3 जोन बनाने, 15 उद्योग खोलने की सिफारिश; फल-सब्जी बेचने वाले, इलेक्ट्रीशियन-मैकेनिक को भी छूट मिल सकती है

नई दिल्ली. कोरोना से जंग के लिए 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह तक लॉकडाउन जारी रहना तय है, लेकिन उद्योग मंत्रालय ने टेक्सटाइल, निर्माण, जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे 15 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में काम शुरू करने की सिफारिश की है। साथ ही स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान-पत्र के साथ काम करने की मंजूरी देने का भी सुझाव दिया गया है। हालांकि, इस बारे में आखिरी फैसला प्रधानमंत्री के स्तर पर होना है। लॉकडाउन में छूट कोरोना संक्रमण के फैलाव, भविष्य की आशंका और एक्टिव मामलों के आधार पर मिलेगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि देश के इलाकों को राज्यों की बजाय कोरोना के संक्रमण के स्तर के हिसाब से रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटकर ढील संबंधी नियम तय किए जाएं। कोरोना के ऑरेंज और ग्रीन जोन में बाजार खोले जा सकते हैं, लेकिन समय सीमित किया जा सकता है। सरकार का सुझाव है कि देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और लोगों की आमदनी शुरू करने के लिए उद्योगों में काम शुरू होना जरूरी है, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।


तीन जाेन बनाने का सुझाव


रेड जोन: हॉटस्पॉट वाले जिले, वहां पहले की तरह सबकुछ बंद रहे।
ऑरेंज जोन: जिन जिलों में नए मरीज नहीं आ रहे, पुराने मरीज बेहद कम।
ग्रीन जोन: संक्रमण मुक्त जिले, वहां व्यापारिक गतिविधियां शुरू करें।


उद्याेग मंत्रालय की सिफारिश : किस जोन में क्या छूट मिले, क्या नहीं
हॉस्पिटैलिटी: रेड और ऑरेंज जोन में सभी होटल, रेस्त्रां, लॉज और गेस्टहाउस बंद रखें। ग्रीन जोन में खुल सकते हैं।
परिवहन: सिर्फ ग्रीन जोन में लोकल परिवहन खोलने की छूट दी जाए। लेकिन, रेड और ऑरेंज जोन में सार्वजनिक परिवहन शुरू न करें।
उड़ान सेवा: भारत से बाहर जाने के लिए विशेष और कमर्शियल उड़ानों की ही छूट मिले। चुनिंदा देशों के लिए उड़ान की सीमित छूट रहे।
आबकारी मामले: शराब की दुकानें खोलने की मंजूरी हो। इनमें कलर कोडिंग का स्तर राज्य सरकारें खुद तय करें।


इन पर पाबंदी रहेगी: सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और खेल संबंधी आयोजनों पर पाबंदी बनी रहे। सिनेमा हॉल, मॉल्स, पार्क, पर्यटन स्थल, धर्मस्थल, शिक्षण संस्थान भी नहीं खुलें।


सरकार ने कहा- कर्मचारियों के मामले में श्रम मंत्रालय स्थिति स्पष्ट करे
सरकार ने कहा है कि जिन कंपनियों में काम शुरू करने की इजाजत दी गई है, वहां का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों को काम पर आने के लिए कह सकता है। अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आता है, तो ऐसी स्थिति में बिना काम के दी जाने वाली सैलरी की जिम्मेदारी एंप्लायर पर नहीं होगी। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि इस संबंध में श्रम मंत्रालय स्थिति को और स्पष्ट करे।


बड़ी कंपनियों में 20-25% कर्मचारी ही एकसाथ काम करें
सरकार के सुझावों में कहा गया है कि बड़ी कंपनियों में 20-25% कर्मचारियों से ही एक शिफ्ट में काम लिया जाए। इसी तरह हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तभी काम करने की अनुमति मिले, जब मजदूरों को रहने की व्यवस्था कराई जाए। कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर की पूरी जिम्मेदारी रहे कि वह साइट को पूरी तरह से सैनिटाइज कराए और वहां स्वच्छता रखे।